INTERNATIONAL RESEARCH JOURNAL OF SCIENCE ENGINEERING AND TECHNOLOGY
( Online- ISSN 2454 -3195 ) New DOI : 10.32804/RJSET
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मुख्यधारा का मीडिया बनाम सोशल मीडिया का वैश्विक क्रांति !
2 Author(s): DR RAMESH YADAV , DR SUNITA
Vol - 3, Issue- 1 , Page(s) : 30 - 39 (2013 ) DOI : https://doi.org/10.32804/RJSET
जेम्स की यह कविता भारतीय मीडिया पर न केवल हुबहू लागू होती है,बल्कि उसके अहम,गुमान और वर्चस्व का पर्दाफास भी करती है.साथ ही मीडिया के चाल,चरित्र और चेहरे को भी उजागर करती है. मौजूदा मीडिया सामाजिक सरोकार,प्रतिबद्धता,जिम्मेदारी,जवाबदेही,पारदर्शिता और जमीनी लोकतान्त्रिक दायित्व का निर्वाह करने की बजाय भूमंडलीकरण,आर्थिक उदारीकरण और बाजारवाद के प्रचार-प्रसार के पक्ष में काम कर रहा है,जबकि भारत जैसे जनतांत्रिक देश में इसे 'चौथे सतम्भ' का दर्जा हासिल है.यही कारण है कि इसे पेशे / व्यवसाय की जगह 'सेवा' और 'मिशन' के निगाह से देखा गया और इसकी व्याख्या भी इसी रूप में की जाती है.